अच्छा हुआ हम नहीं मिले

Posted On 9:08 AM by Shailendra Dubey |

अच्छा हुआ-हम कभी किसी चौराहे,
किसी गली या फिर-किसी नुक्कड़ पर नहीं टकराए,
अच्छा हुआ-तुम उन तमाम लड़कियों में-कभी शऱीक नहीं थी,
जो गाहे बगाहे-मेरे ख्वाबों का हिस्सा बनीं-अच्छा हुआ,
हमारी जिंदगी के सभी रास्ते-अलग-अलग रहे,
कभी साझा नहीं हुए-अच्छा हुआ,
कोई ऐसी लड़की नहीं गुजरी,
मेरी नजरों से-जिसके चेहरे से मिलता हो-तुम्हारा चेहरा,
वरना-मुश्किल होता, मेरे लिए-तु्म्हारी खूबसूरत तस्वीर पर-वो हर्फ उकेरना,
जिनसे टपक रहा हो खून-मुश्किल होता,
मेरे लिए-खड़े करना सवाल-तु्म्हारे चरित्र पर,
मुश्किल होता, मेरे लिए-हाथ पर हाथ रखे...
देखना वो तमाशा-जिसमें शामिल रहा मैं भी,
शुरु से आखिर तक-बना रहा हिस्सा-भेड़ियों के भीड़तंत्र का,
अच्छा हुआ हम कभी नहीं मिले,
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